Saptahik ant Premchand ji ki kisi rachna ke siva achha nhi ho sakta. Advitiya pustak. Nihsankoch.
#MunshiPremchand
#WeekendRead
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Saptahik ant Premchand ji ki kisi rachna ke siva achha nhi ho sakta. Advitiya pustak. Nihsankoch.
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#Qotd : मन। तेरी गति कितनी विचित्र है, कितनी रहस्य से भरी हुई, कितनी दुभेद्य। तू कितनी जल्द रंग बदलता है? इस कला में तू निपुण है। आतिशबाजी की चर्खी को भी रंग बदलते कुछ देरी लगती है, पर तुझे रंग बदलने में उसका लक्षांश समय भी नहीं लगता।
- प्रेमचंद
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